ग़ज़ल
"यशु सबका हाज़त रवा बन के आया"
वो है सबका मालिक खुदा बन के आया !
वो इंसानियत की सदा बन के आया !!
वो करता है रहमत की बारिश सभी पर !
वो दुखिओं के दुःख की दवा बन के आया !!
उसी की बदोलत यह जीवन है बदला !
हर इक काम में वो रजा बन के आया !!
वो सूली पे चढ़ के भी जिंदा रहेगा !
फिजाओं में ख़ुद वो हवा बन के आया !!
हमारी ज़रूरत वो ख़ुद जानता है !
"यशु सबका हाज़त रवा बन के आया" !!
अकीदत है सबको उसी के ईमा पर !
हर इक दिल में वो दिलरुबा बन के आया !!
करो तुम भी "रजनीश" सजदा खुदा को !
मेरी इस जुबां पर दुआ बन के आया !!